बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माण का हाईकोर्ट में विरोध

मंदिर के कार्यवाहकों ने सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष दावा किया कि मथुरा में बांके बिहारी मंदिर के लिए गलियारे के निर्माण से पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन करते हुए कुछ प्राचीन मंदिरों को ध्वस्त कर दिया जाएगा।

मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ मथुरा के आनंद शर्मा और एक अन्य व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पिछले साल अगस्त में बांके बिहार मंदिर में भगदड़ की जांच की मांग की गई थी।

सोमवार को सुनवाई के दौरान आरोप लगाया गया कि सरकार वृन्दावन की कुंज गली में दो मंदिरों की स्थिति और संरचना बदलना चाहती है.

Video thumbnail

यह भी दावा किया गया कि बांके बिहारी मंदिर के आसपास अन्य प्राचीन मंदिर भी हैं जिन्हें राज्य सरकार ध्वस्त करने जा रही है.

मंदिर की देखभाल करने वालों ने दलील दी कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 के तहत ऐसे मंदिरों को नहीं तोड़ा जाना चाहिए.

सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी.

इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार तीर्थयात्रियों को सुविधाएं देने के लिए बांके बिहारी मंदिर से सटी पांच एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर कॉरिडोर बनाने की योजना बना रही है.

READ ALSO  उपभोक्ता अदालत ने एसबीआई को एटीएम धोखाधड़ी रोकने में विफलता और दो अवांछित एटीएम कार्ड जारी करने के लिए मुआवजा देने का निर्देश दिया

कोर्ट ने राज्य सरकार से बांकेबिहारी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के प्रबंधन को लेकर अपना रुख साफ करने को कहा था.

Related Articles

Latest Articles