एक अदालत ने मंगलवार को चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक और एक चीनी नागरिक सहित चार लोगों को तीन दिन की प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंदर कुमार जंगाला ने ईडी द्वारा दायर एक आवेदन पर आदेश पारित किया, जिसने पहले ही दिन में चारों को गिरफ्तार कर लिया था।
गिरफ्तार किए गए चारों लोगों की पहचान लावा इंटरनेशनल कंपनी के एमडी हरिओम राय, चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग और चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक के रूप में हुई है।
न्यायाधीश ने कहा, “मेरी सुविचारित राय है कि आरोपी व्यक्तियों हरिओम राय, नितिन गर्ग, राजन मलिक और गुआंगवेन कुआंग की हिरासत आवश्यक है। तदनुसार आरोपी व्यक्तियों को 13 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में भेजा जाता है।”
आवेदन का विरोध आरोपियों की ओर से पेश वकील नितेश राणा ने किया, जिन्होंने दावा किया कि आरोप झूठे थे और ईडी के पास सबूतों की कमी थी।
चारों आरोपियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया।
एजेंसी ने पिछले साल जुलाई में कंपनी और उससे जुड़े व्यक्तियों पर छापा मारा था, जिसमें चीनी नागरिकों और कई भारतीय कंपनियों से जुड़े एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया गया था।
ईडी ने तब आरोप लगाया था कि भारत में करों के भुगतान से बचने के लिए वीवो द्वारा 62,476 करोड़ रुपये की भारी रकम “अवैध रूप से” चीन को हस्तांतरित की गई थी।