एक सत्र अदालत ने तीस हजारी जिला अदालत परिसर में वकीलों के बीच लड़ाई के दौरान गोलीबारी की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार आठ वकीलों को गुरुवार को जमानत दे दी।
पुलिस ने दावा किया कि 5 जुलाई को वकीलों के दो समूहों के बीच झड़प के दौरान अदालत परिसर में गोलियां चलाई गईं।
अदालत के सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को एक मजिस्ट्रेट अदालत ने दिल्ली पुलिस द्वारा 3 सितंबर को दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था।
उन्होंने बताया कि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट चतिंदर सिंह ने मामले का संज्ञान लेने के बाद मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर के लिए तय कर दी।
गुरुवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पवन सिंह राजावत ने आठ आरोपी अधिवक्ताओं – शिव राम पांडे, ललित शर्मा, मनीष शर्मा, सचिन सांगवान, राहुल शर्मा, रवि गुप्ता, अमन सिंह और जितेश खारी को जमानत दे दी।
उन्हें 50,000 रुपये के जमानत बांड और इतनी ही राशि की जमानत राशि जमा करने पर राहत दी गई।
अदालत ने कहा, ”मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और इसमें काफी समय लगेगा।” अदालत ने कहा कि आरोपी करीब 90 दिनों से न्यायिक हिरासत में हैं और मामले में आरोप पत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है।
यह मामला आठ आरोपियों और कुछ अन्य के खिलाफ शस्त्र अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत सब्जी मंडी पुलिस स्टेशन में दर्ज एक प्राथमिकी से उपजा है।