सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन की अंतरिम जमानत मंगलवार को 25 सितंबर तक बढ़ा दी।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू द्वारा स्थगन का अनुरोध करने के बाद न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने जैन को राहत दी।
जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी भी मामले को टालने पर सहमत हुए।
शीर्ष अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता की अंतरिम जमानत बढ़ाने के बाद मामले को 25 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया।
इसने एक अन्य आरोपी अंकुश जैन को भी चिकित्सा आधार पर चार सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया, क्योंकि उसके बच्चे की सर्जरी होनी है।
शीर्ष अदालत ने 26 मई को जैन को रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के लिए छह सप्ताह की अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि एक नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है। इसने 24 जुलाई को अंतरिम जमानत पांच सप्ताह के लिए बढ़ा दी थी।
ईडी ने कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धन शोधन के आरोप में आप नेता को पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था।
एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ दर्ज की गई सीबीआई एफआईआर के आधार पर जैन को गिरफ्तार किया था। सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में उन्हें 6 सितंबर, 2019 को ट्रायल कोर्ट द्वारा नियमित जमानत दी गई थी।