जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय हो सकते हैं चुनाव, फैसला चुनाव आयोग लेगा: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

जम्मू-कश्मीर में चुनाव किसी भी समय हो सकते हैं और इस मुद्दे पर निर्णय चुनाव आयोग को लेना होगा, केंद्र ने गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश में चुनावी लोकतंत्र और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए एक रोडमैप देते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव पर निर्णय भारत के चुनाव आयोग और राज्य चुनाव पैनल को लेना होगा।

READ ALSO  केंद्र का सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन: 5 मई तक वक्फ संपत्तियों को डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा, न ही वक्फ बोर्डों में नियुक्तियाँ होंगी

मेहता ने पीठ को बताया कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे – पहले पंचायत चुनाव, दूसरे नगर निगम चुनाव और फिर विधान सभा चुनाव होंगे।

Video thumbnail

29 अगस्त को केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा था कि जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा कोई “स्थायी चीज़” नहीं है और वह 31 अगस्त को अदालत में इस जटिल राजनीतिक मुद्दे पर विस्तृत बयान देगा।

READ ALSO  हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार, ईडी को सीएम सोरेन के खिलाफ खनन पट्टा मामले की जांच पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने केंद्र से पूर्ववर्ती राज्य में चुनावी लोकतंत्र की बहाली के लिए एक विशिष्ट समय सीमा निर्धारित करने को कहा था।

Related Articles

Latest Articles