आरोप पत्र दाखिल होने के बाद भी दी जा सकती है अग्रिम जमानत: उत्तराखंड हाई कोर्ट

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि आरोप पत्र दाखिल होने के बाद भी किसी आरोपी की अग्रिम जमानत दी जा सकती है।

अदालत का फैसला कई अग्रिम जमानत अर्जियों पर आया, जिसमें एक वकील की याचिका भी शामिल है, जो दहेज हत्या के मामले में आरोपी है।
यह फैसला हाई कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सुनाया, जिसमें मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी, न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति रवींद्र मैथानी शामिल थे।

दो जज फैसले के पक्ष में थे, जबकि एक इसके खिलाफ था, जिसके चलते इसे स्वीकार कर लिया गया।
जहां मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति मनोज तिवारी इस बात पर सहमत हुए कि ऐसी स्थिति में आरोपी को अग्रिम जमानत दी जा सकती है, वहीं न्यायमूर्ति रवींद्र मैथानी ने इस मामले पर अपनी असहमति दर्ज की।
बहुमत के फैसले के आधार पर कोर्ट ने आरोपी वकील की अपील मंजूर कर ली है.

Play button
READ ALSO  धारा 47-ए भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 के तहत कलेक्टर (स्टाम्प) अपने आदेश को वापस नहीं ले सकते: इलाहाबाद हाईकोर्ट
Ad 20- WhatsApp Banner

Related Articles

Latest Articles