समाज के विकास के लिए सभी वर्गो का विकास आवश्यक: जस्टिस संजय किशन कौल

न्यायमूर्ति श्री संजय किशन कौल न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय / कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के मार्गदर्शन एवं राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली के सहयोग से दिनांक 12.07.2023 से दिनांक 31.07.2023 तक सम्पूर्ण प्रदेश में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा महिलाओं के हित एवं संरक्षण कानून से सम्बन्धित 247 साक्षरता शिविरों का आयोजन किया गया और लगभग 18000 महिलाओं को उनके अधिकारों एवं महिला सशक्तीकरण विषय पर तथा भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं हेतु चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान कर उन्हें सम्मान जनक जीवन जीने के लिए पथ प्रदर्शन किया गया ।

उक्त कार्यक्रम के समापन समारोह का उद्घाटन न्यायमूर्ति श्री संजय किशन कौल, न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय / कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा दीप प्रज्वलित कर दिनांक 06.08.2023 को जे0टी0आर0आई0, गोमती नगर, लखनऊ के प्रेक्षागृह में मुख्य न्यायमूर्ति श्री प्रीतिंकर दिवाकर, मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय इलाहाबाद / मुख्य संरक्षक, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रीमती रेखा शर्मा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया।

उक्त अवसर पर सुश्री संतोष स्नेही मान सदस्य सचिव राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली, श्री विनोद सिंह रावत, निदेशक, जे0टी0आर0आई. श्री राजीव भारती, महानिबंधक, उच्च न्यायालय, श्री विवेक, वरिष्ठ निबंधक, उच्च न्यायालय खण्डपीठ लखनऊ, श्री संजय सिंह- 1. सदस्य सचिव, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, सुश्री मीनाक्षी नेगी, सदस्य सचिव राष्ट्रीय महिला आयोग, रजिस्ट्री के अधिकारीगण, प्रदेश के परिवार न्यायालयों के न्यायाधीशगण एवं सचिव भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के प्रतिभागियों के रूप में प्रदेश की महिला डाक्टरों, महिला एवं बाल विकास अधिकारियों, आशा बहुओं, आंगनवाड़ी मुख्य सेविकाओं, विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के अध्यक्ष और प्रतिनिधियों, विधि छात्राओं आदि ने इस समापन समारोह में भाग लिया।

उक्त अवसर पर मा० न्यायमूर्ति श्री संजय किशन कौल ने अपने उद्बोधन में महिलाओं के अधिकारों एवं महिला सशक्तीकरण के सम्बन्ध अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का क्षेत्र व्यापक हो गया है और छोटे विवादों को सुलह-समझौते से निपटाकर उन्हे न्यायालय आने से रोकने का प्रयास करना चाहिए। समाज के विकास के लिए समाज के सभी वर्गो के लोगों का विकास आवश्यक है क्योंकि हम सभी एक डोर से बंधे हुए है और इसको प्राप्त करने के लिए विधि के शासन को स्वीकार करना होगा। विधिक सहायता एवं जागरूकता एक नियमित प्रक्रिया है। उन्होने विधि के समक्ष समानता के संवैधानिक उपबंध का उल्लेख करते हुए महिलाओं को न्यायपूर्ण स्थान देने की बात पर बल दिया। महिला सशक्तिकरण के लिए शिक्षा और जागरूकता पर बल दिया। साथ ही बंदियों के हितार्थ योजनाओं और न्यायिक निर्णयों को लागू करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती रेखा शर्मा ने सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए विचार व्यक्त किये कि महिला सशक्तिकरण की सार्थकता तभी होगी जब महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों का ज्ञान हो और इसके लिए जागरूकता का अत्यधिक महत्व है।

माननीय मुख्य न्यायमूर्ति श्री प्रीतिंकर दिवाकर, मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय इलाहाबाद / मुख्य संरक्षक, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि हम सभी को महिला सशक्तिकरण की सार्थकता के लिए इस रूढ़िवादी सोच को त्यागना होगा जो संपत्ति में महिलाओं को अधिकार देने से वंचित करती है। उन्होने राष्ट्रीय महिला आयोग की भूमिका की सरहाना करते हुए कहा कि महिलाओं के उत्थान की दशा में हम धीरे-धीरे प्रगति की ओर अग्रसर है। इसे रेखांकित करते हुए बताया कि न्यायिक सेवाओं में पुरूषों के सापेक्ष महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। माननीय न्यायमूर्ति द्वारा मुख्य अतिथि एवं सभी प्रतिभागियों का हृदय से आभार व्यक्त किया ।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles