पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने तोशाखाना मामला वापस निचली अदालत में भेजने के इस्लामाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में निचली अदालत को एक सप्ताह के भीतर फिर से विचार करने को कहा था।
क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान को मिले सरकारी तोहफों की बिक्री को लेकर तोशाखाना मुद्दा राष्ट्रीय राजनीति में उस समय बड़ा मुद्दा बन गया, जब पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री को झूठे बयान और गलत घोषणा करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने 10 मई को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में खान पर अभियोग लगाया था और मामले की स्वीकार्यता के बारे में आपत्तियों को खारिज कर दिया था। इमरान खान ने मामले की स्वीकार्यता को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान की याचिका को कमजोर बताते हुए खारिज कर दिया था। निचली अदालत के फैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसने चार जुलाई को मामले को वापस निचली अदालत के पास भेज दिया, ताकि आठ कानूनी सवालों के आलोक में सात दिन के भीतर मामले की फिर से जांच की जा सके।
इसके बाद इमरान खान ने सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दाखिल की है। इसमें तर्क दिया गया कि इस्लामाबाद हाई कोर्ट द्वारा उन सवालों को वापस भेजना कानूनी रूप से उचित नहीं है, जो उसी निचली अदालत के न्यायाधीश के लिए विवादित आदेश का आधार बने, जिन्होंने पहले ही अपना फैसला सुना दिया था। खान ने अपनी याचिका में दलील दी कि हाई कोर्ट ने मामले को उसी निचली अदालत के न्यायाधीश के पास भेजकर अपने अधिकार क्षेत्र में गलती की, जिसके खिलाफ मामले को स्थानांतरित करने के लिए आवेदन दायर किया गया था। वरिष्ठ वकील ख्वाजा हैरिस अहमद के जरिए दायर याचिका में दिलावर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष कार्यवाही पर तब तक रोक लगाने का भी अनुरोध किया गया है जब तक कि शीर्ष अदालत उनकी अपील पर कोई फैसला नहीं ले लेती।