गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे व मऊ विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी से जेल में अवैध रूप से मिलने के मामले में जमानत याचिका यहां की एक अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दी.
अंसारी को राहत देने से इनकार करते हुए विशेष न्यायाधीश शालिनी सागर ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं और वह इस समय जमानत के हकदार नहीं हैं।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, अंसारी अपनी पत्नी निखत बानो से चित्रकूट जेल में अवैध तरीके से मिलता था, जहां वह वर्तमान में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बंद है और संबंधित अदालतों में मुकदमे के दौरान गवाहों का समर्थन नहीं करने पर उन्हें मारने की साजिश रचता था।
बानो को पुलिस ने इस साल फरवरी में ऐसी ही एक अवैध बैठक के दौरान गिरफ्तार किया था। तलाशी के दौरान उसके पास से दो मोबाइल फोन और 20 हजार रुपये नकद बरामद हुए।
अंसारी, बानो, उनके ड्राइवर नियास और जेल अधिकारियों के खिलाफ धारा 186 (लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना), 222 (सजा के तहत या कानूनी रूप से प्रतिबद्ध व्यक्ति को पकड़ने के लिए बाध्य लोक सेवक की ओर से जानबूझकर चूक करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ) और 11 फरवरी को चित्रकूट जिले के कर्वी थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी)।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून भी लगाया है।