हिन्दी फिल्म ‘स्पेशल 26’ की तर्ज पर गले में सीबीआई का आईकार्ड पहने और हाथों में वॉकी टॉकी लेकर छह लोग धड़धड़ाते हुए ज्वेलरी की दुकान में घुसते हैं। अंदर आते ही दस्तावेज और गहनों की जांच शुरू कर देते हैं।
यह सब इतना अचानक और तेजी से होता है कि दुकानदार को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिलता है। पूछने पर सभी बताते हैं कि वे सीबीआई अधिकारी हैं और अवैध सोने के कारोबार की शिकायत मिलने पर जांच करने आए हैं। इसके बाद सौदेबाजी होती है और मामला 40 लाख रुपए और आधा किलो सोना पर खत्म होता है।
जब सब चले जाते हैं तो पता चलता है की ज्वेलर्स से ठगी हुई है। शिकायत मिलने पर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कर्रवाई करते हुए चार आरोपितों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया, जिनकी पहचान द्वारका निवासी संदीप भटनागर, उत्तम नगर निवासी पवन गुप्ता, योगेश कुमार और हिमांशु उर्फ दिनेश उर्फ बबलू के रूप में हुई है।
पुलिस इनके दो और साथियों की तलाश कर रही है। संदीप भटनागर इस गिरोह का सरगना है और वह हिंदी फिल्म स्पेशल 26 से काफी प्रभावित है और उसी तरह से वारदात करता है। आरोपितों से 11 लाख रुपए, 104 ग्राम सोने जैसी दिखने वाली पीली धातु का टुकड़ा, दो डीवीआर, पांच मोबाइल फोन बरामद हुआ है।
अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हरप्रीत सिंह फर्श बाजार स्थित अपने घर के ग्राउंड फ्लोर पर ज्वेलरी की दुकान चलाते हैं। पुलिस को दी शिकायत में उन्होंने बताया कि 17 अप्रैल को उनकी दुकान पर छह लोग आए। उनमें एक महिला भी शामिल थी। सभी लोगों ने अपने गले में सीबीआई के आई कार्ड पहन रखे थे। सबके हाथ में वॉकी टॉकी और कुछ फाइलें थी। दुकान में आते ही उन लोगों ने दस्तावेज और गहनों की तलाशी लेना शुरू कर दिया। उन्होंने खुद को सीबीआई ऑफिसर बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ कई शिकायतें हैं कि वह सोने का अवैध कारोबार करते हैं।
हरप्रीत सिंह ने बताया कि आरोपितों ने इतना आनन-फानन में तलाशी लेनी शुरू किया कि उनकी बात समझ नहीं सके और कार्रवाई से डर गए। इसके बाद आरोपितों ने कहा कि अगर वह कार्रवाई से बचना चाहते हैं तो एक करोड़ रुपए देना पड़ेगा। अंत में 40 लाख रुपए और आधा किलो सोना पर सौदा तय हुआ।
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रुपए और सोना लेकर सभी आरोपित उनकी दुकान से चले गए। जाते-जाते आरोपितों ने दुकान के सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर भी लेते गए। डील 15 मिनट में तय हुई। लेकिन आरोपितों की यही जल्दबाजी शक का कारण बनी। हरप्रीत को यहीं से आरोपितों पर शक हुआ कि वह सीबीआई ऑफिसर नहीं बल्कि ठग हैं। इस पर हरप्रीत सिंह ने फर्श बाजार थाना में एफआईआर दर्ज करवाई।
मामले को गंभीरता से लेते हुए सयुंक्त आयुक्त एसडी. मिश्रा की देखरेख में टीम बनाई गई। टीम ने दुकान के आसपास पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की। जांच में पता चला कि आरोपितों ने दुकान से कुछ दूर पहले ही अपनी कार खड़ी की थी। सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण से सभी छह आरोपितों की पहचान की गई। गाड़ी नंबर के आधार पर पुलिस ने संदीप भटनागर को द्वारका से गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर तीन अन्य आरोपितों को भी पुलिस ने दबोच लिया। जांच में पता चला है कि इन सभी के खिलाफ अलग-अलग थानों में ठगी के मुकदमे दर्ज हैं।