यहां की एक अदालत ने एक टेलीविजन साक्षात्कार के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर एक वकील द्वारा दायर मानहानि के मामले में वरिष्ठ गीतकार जावेद अख्तर को एक दिन के लिए व्यक्तिगत पेशी से सोमवार को छूट दे दी।
वकील संतोष दुबे ने अक्टूबर 2021 में 77 वर्षीय गीतकार-कवि के खिलाफ उपनगरीय मुलुंड में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत शिकायत दर्ज की थी। (आईपीसी)।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत मुलुंड ने पिछले साल दिसंबर में अख्तर को समन जारी किया था और उसे छह फरवरी को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था।
जैसे ही मामला सोमवार को अदालत में सुनवाई के लिए आया, अख्तर के वकील ने व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग करते हुए एक याचिका दायर की।
अदालत ने एक दिन की छूट दी और मामले की सुनवाई 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
समन को चुनौती देने वाली अख्तर की याचिका सत्र न्यायालय के समक्ष लंबित है।
अख्तर ने टीवी साक्षात्कार में अफगानिस्तान में कट्टरपंथी संगठन द्वारा सत्ता पर कब्जा करने की पृष्ठभूमि में कथित रूप से तालिबान और हिंदू चरमपंथियों के बीच समानताएं खींची थीं।